जुलाई में स्कूल खुलने पर पैरंट्स मुश्किल ही भेजेंगे अपने बच्चे, छाया कोरोना का खौफ

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लखनऊ l उत्तर प्रदेश में कोरोनाटे लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उधर, यूपी सरकार जुलाई से स्कूलों को फिर से खोलने की योजना बना रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी बच्चों की सुरक्षा के साथ पुन: स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने की संभावना तलाश रहे हैं। लेकिन, अविभावक अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। उन्हें डर है कि कहीं स्कूल खुले तो अबतक सुरक्षित रहकर बच्चे संक्रमण की चपेट में न आ जाओ। हालांकि, उनकी यह चिंता बेवजह नहीं है। स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मुश्किल है। सरकार भले ही गाइडलाइन तय कर दे, लेकिन उन्हें यकीन नहीं है कि स्कूल इसका पालन गाइडलाइन के हिसाब से करा पाएगा। ऐसे में बच्चे को स्कूल भेजना एक अभिभावक होने के नाते थोड़ा मुश्किल जरुर है। कुछ अविभाजकों का कहना हाई की ऑफ़लाइन क्लासेस तो हो ही रहे हैं, इसी से काम चलाया जा सकता है। बड़े बच्चों को स्कूल भेजा जा सकता है। क्योंकि वे समझदारी दिखा रहे हैं, लेकिन छोटे बच्चों के लिए कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता है।

स्कूल खोले जाने के सवाल पर डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा कहते हैं कि सरकार जुलाई में स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है। लेकिन कोराना के प्रभाव को देखते हुए ही निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोनाटेनों की संख्या 10 हजार पार कर चुकी है। ऐसे में अभिभावकों का डर लाजिमी है। दरअसल, शिक्षा निदेशालय ने 7 जून तक सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, अध्यापकों, अभिभावकों की कमता से सुझाव मांगे थे। इनका थीमन करने के बाद जुलाई से स्कूल खोलने के लिए योजना बनाई जाएगी।

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